देहरादून में वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम में शामिल हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, बोले- जलवायु परिवर्तन कोविड से ज्यादा गंभीर।

देहरादून- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कोविड दुनिया के लिए एक चुनौती रहा, जलवायु परिवर्तन कोविड चुनौती से कहीं अधिक गंभीर है। पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान के लिए समन्वित वैश्विक रुख एकमात्र विकल्प है। एक देश इसका समाधान नहीं ढूंढ सकता है, समाधान खोजने के लिए युद्धस्तर पर सभी देशों को एकजुट होना होगा। वनों को बचाकर और उनके विस्तार से ही जलवायु परिवर्तन से निपटना संभव है। उन्होंने कहा कि विकास और संरक्षण के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है।

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से वन अनुसंधान संस्थान में वनों पर तीन दिवसीय संयुक्त राष्ट्र फोरम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह पृथ्वी हमारी नहीं है, हमें इसे आने वाली पीढ़ियों को सौंपना होगा। हम केवल इसके ट्रस्टी हैं। अपने लापरवाह दृष्टिकोण व प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के साथ अपनी भावी पीढ़ियों के साथ समझौता नहीं कर सकते। हम जिस जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना कर रहे हैं, वह किसी एक व्यक्ति को प्रभावित नहीं करेगी, बल्कि पूरी पृथ्वी को प्रभावित करेगी। उन्होंने अन्य देशों के प्रतिनिधियों से भी समाधान खोजने के लिए सभी संसाधन जुटाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा हमारे वन केवल एक संसाधन मात्र नहीं, बल्कि देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक विरासत को भी समाहित करते हैं। फोरम में खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और अंतरराष्ट्रीय वन अनुसंधान संगठन (आइयूएफआरओ) के साथ 40 देशों और 20 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 80 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

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