उत्तराखंड में 758 करोड़ की लागत से संवरेंगे वाइब्रेंट विलेज, 51 गांवों के लिए सरकार ने की कार्ययोजना तैयार।
देहरादून- चीन और नेपाल की सीमा से सटे उत्तराखंड के गांव अब सरसब्ज होने जा रहे हैं केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में शामिल राज्य के तीन सीमांत जिलों के पांच विकासखंडों के 51 गांवों के विकास की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है 758 करोड़ रुपये की लागत की इस कार्ययोजना के अंतर्गत इन गांवों में 510 कार्य संचालित किए जाएंगे। इनमें आर्थिकी सुधार के लिए आजीविका विकास और पर्यटन गतिविधियों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है।
उत्तराखंड की कुल 658 किलोमीटर सीमा चीन और नेपाल से लगी है। इससे सटे तीन जिलों पिथौरागढ़, चमोली व उत्तरकाशी के पांच विकासखंडों मुनस्यारी, धारचूला, कनालीछीना, जोशीमठ व भटवाड़ी के 51 गांव वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में शामिल किए गए हैं। असल में राज्य के सीमावर्ती गांव भी पलायन की समस्या से जूझ रहे हैं।
बदली परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों का खाली होना किसी भी दशा में उचित नहीं कहा जा सकता। यही कारण भी है कि केंद्र और राज्य सरकारें सीमावर्ती गांवों पर विशेष ध्यान दे रही हैं। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत इन गांवों का कायाकल्प किया जाना है। इसके पीछे मंशा इन गांवों से पलायन थामना भी है। इसी कड़ी में राज्य के वाइब्रेंट योजना में शामिल गांवों के लिए कार्ययोजना तैयार हो चुकी है। अब वहां आजीविका विकास समेत अन्य गतिविधियां तेजी से संचालित होंगी।
जिला, गांव
कौशल विकास, 09, 1.24
सामुदायिक अवस्थापना सुविधा, 98, 47.67
ऐसे होगी बजट की उपलब्धता
कार्यक्रम/योजनाएं, लागत (करोड़ में)
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम, 586.21
केंद्र सहायतित योजनाएं, 118.64
राज्य पोषित योजनाएं, 53.99