इंजीनियरिंग एंट्रेंस ऑनलाइन परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, ऐसे करते थे पूरा खेल।
देहरादून- आरोपियों ने बताया कि वे अभ्यर्थियों के सिस्टम का सर्वर रूम से एक्सेस लेकर ऑनलाइन परीक्षा हल कराते थे। आरोपियों के खिलाफ मेरठ एसटीएफ की शिकायत पर आईटी एक्ट, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) देहरादून ने इंजीनियर एंट्रेंस ऑनलाइन परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एसओजी ने रायपुर स्थित एक परीक्षा केंद्र से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जबकि, इस सरगना के दो आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। आरोपियों के पास से मोबाइल फोन व अन्य सामग्री बरामद हुई है। आरोपी परीक्षा केंद्र में पहले से ही सर्वर रूम के माध्यम से कुछ सिस्टम का एक्सेस लेकर नकल कराते थे, जिसके लिए प्रति अभ्यर्थी एक से डेढ़ लाख रुपये लिए जाते थे।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि एसओजी और मेरठ एसटीएफ की संयुक्त टीम ने सहस्त्रधारा रोड स्थित एडू चॉइस कंसल्टेंसी नाम की कंप्यूटर लैब में दबिश दी गई। यहां पर 20 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी तमिलनाडु की ऑनलाइन परीक्षा हुई थी। दबिश में यहां से जितेश कुमार निवासी बिहार हाल निवासी डांडा लखौंड और राहुल कुमार निवासी बिहार को हिरासत में लिया गया। आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप, परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड और उनके एप्लीकेशन नंबर बरामद हुए।
आरोपियों के पास से ऑनलाइन परीक्षा की डिस्प्ले की फोटो कॉपी भी बरामद हुई। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अभ्यर्थियों के सिस्टम का सर्वर रूम से एक्सेस लेकर ऑनलाइन परीक्षा हल कराते थे। आरोपियों के खिलाफ मेरठ एसटीएफ की शिकायत पर आईटी एक्ट, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों ने बताया कि इस गिरोह के सरगना कुलवीर सिंह निवासी हरियाणा और गौरव बिजनौर उत्तर प्रदेश के हैं। इन्हीं के कहने पर यह नकल कराई जाती थी। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों के बारे में अन्य जानकारियां जुटाई जा रही हैं। जल्द ही इन दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
ऐसे होता था काम