बदरी-केदार मंदिर समिति में नियुक्तियों में नहीं होगी मनमानी, दूर होगी वेतन विसंगतियां।
बद्रीनाथ/ केदारनाथ- बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की पहल पर पहली बार कर्मचारियों और धार्मिक संवर्ग की सेवा नियमावली का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था। इस पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में अब कर्मचारियों की नियुक्तियां मनमाने ढंग से नहीं होंगी। इसके अलावा कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर होने के साथ ही पदोन्नति की राह भी खुलेगी।पहली बार बीकेटीसी के कर्मचारियों व धार्मिक संवर्ग की सेवा नियमावली को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
बीकेटीसी का गठन 1939 में किया गया था। तब से लेकर वर्तमान तक कर्मचारियों व धार्मिक संवर्ग की कोई सेवा नियमावली नहीं थी, जिससे कर्मचारियों की नियुक्तियों में मनमानी होती रही। साथ ही एक समान पदों पर कर्मचारियों का वेतन भी अलग-अलग है।
कई सालों से कार्यरत कर्मचारियों के लिए पदोन्नति के अवसर नहीं थे। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की पहल पर पहली बार कर्मचारियों और धार्मिक संवर्ग की सेवा नियमावली का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था। इस पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। वर्तमान में बीकेटीसी में 267 स्थायी कर्मचारी तैनात हैं, जबकि धार्मिक संवर्ग के तहत रावल, वेदपाठी, पुजारी की संख्या 56 है।
परंपरा के साथ किसी तरह का छेड़छाड़ नहीं किया गया
सेवा नियमावली में अलग-अलग पदों के लिए योग्यता निर्धारित की गई है। इसके आधार पर कर्मियों की आने वाले समय में बीकेटीसी नियुक्तियां करेगा, जबकि धार्मिक मान्यता और हकहकूकधारी पदों पर प्राचीन समय से चली आ रही परंपरा के साथ किसी तरह का छेड़छाड़ नहीं किया गया।
बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा, सेवा नियमावली बनने से कर्मचारियों की नियुक्तियों में पारदर्शिता आएगी। कहा, साथ ही कर्मचारियों के वेतन विसंगतियों और पदोन्नति से संबंधित प्रकरणों का समाधान होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का आभार जताया।