निवेश बढ़ने से तय होगा जीडीपी दोगुना करने का सफर, पर्यटन में निवेश और बढ़ने की उम्मीद; तीन लाख से ज्यादा प्रस्ताव मिले।
देहरादून- उत्तराखंड में 3.52 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों में से यदि 50 प्रतिशत भी धरातल पर उतरे तो आने वाले वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई शक्ति मिलना तय है। साथ ही अगले पांच वर्ष के भीतर राज्य की वर्तमान लगभग 3.02 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था को दोगुना यानी छह लाख करोड़ तक पहुंचाना संभव होगा। ऊर्जा, मैन्युफैक्चरिंग व सेवा क्षेत्र में निवेशकों ने अधिक रुचि ली है।
पर्यटन में निवेश और बढ़ने की उम्मीद
पर्यटन में बेहतर संभावनाओं को देखते हुए सेवा क्षेत्र में निवेश और बढ़ने की उम्मीद है। ऐसा हुआ तो प्रदेश में हजारों रोजगार मिलने का रास्ता भी साफ होगा। धामी सरकार ने अगले पांच वर्षों में राज्य सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पाने में निवेशक सम्मेलन की भूमिका को बड़ा माना जा रहा है। सरकार अब तक 3.52 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर कर चुकी है।
प्रस्तावों के धरातल पर उतरने की प्रतीक्षा
अब इन प्रस्तावों के धरातल पर उतरने की प्रतीक्षा है। फिलहाल कुछ दिनों के भीतर ही 44 हजार करोड़ यानी लगभग 17 प्रतिशत तक निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग की जा रही है। निवेशक सम्मेलन में प्रदेश सरकार को केंद्र से भी पूरा सहयोग मिला है। उत्तराखंड ने जब भी आर्थिकी में लंबी छलांग लगाई, यह केंद्र सरकार की मदद से ही संभव हो सका।
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था ने बड़ी तेजी से पांव फैलाए
वर्ष 2003 में केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने विशेष औद्योगिक पैकेज और विशेष राज्य का दर्जा दिया तो इससे उद्योगों का विस्तार तो हुआ ही, साथ में उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था ने बड़ी तेजी से पांव फैलाए। विशेष दर्जे की वजह से केंद्रपोषित योजनाएं सीमित संसाधन और विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य की विकास की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो रही हैं।
तेजी से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था
राज्य बनने के दौरानवर्ष 2000-01 में प्रचलित भावों पर राज्य की कुल जीएसडीपी (राज्य सकल घरेलू उत्पाद) 14501 करोड़ थी। 2022-2 में जीएसडीपी करीब 3.02 लाख करोड़ हो चुकी है। निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरने के बाद अर्थव्यवस्था का आकार तेजी से बढ़ने का रास्ता साफ हो जाएगा।