राज्यपाल ने पॉलिटेक्निक के 36 मेधावियों का किया सम्मान, कहा-सोच बड़ा रख बड़े सपने भी देखें और अपने लक्ष्य को पूरा करें।
देहरादून-राज्यपाल ने इंजीरियरिंग, प्रोडक्शन, मैन्यूफैक्चरिंग पर जोर दिया। उन्होंने कहा, उत्तराखंड में इसके लिए अपार संभावनाएं है, इसे टेक्नोलॉजी का हब बनाया जा सकता है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों के 36 सर्वश्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। प्राविधिक शिक्षा विभाग के द्वितीय प्रतिभा अलंकरण समारोह में उन्होंने छात्रों के साथ ही उत्कृष्ट कार्य के लिए पूर्व छात्रों और कार्मिकों को भी पुरस्कृत किया।
उन्होंने कहा, युवाओं को अपनी सोच को बड़ा बनाना होगा, बड़े सपने देखने होंगे और उनको धैर्य के साथ पूरी ईमानदारी, लगन और मेहनत से पूरा करने का प्रयास करना होगा। आईआरडीटी ऑडिटोरियम सर्वे चौक में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा, ज्ञान-विज्ञान-अनुसंधान भारत की आत्मा में है। आज का समय तकनीकी नवाचार, सृजन, इनोवेशन केे साथ तेज गति से आगे बढ़ने का है।
कहा, नए भारत के निर्माण के संकल्प के साथ पूरा देश आगे बढ़ रहा है। इस पूरी प्रणाली में पॉलिटेक्निक संस्थानों का अहम रोल है, ये पॉलिटेक्निक संस्थान इंजीनियरिंग की नींव हैं। कहा, हमें इस बात की खुशी होनी चाहिए कि अन्य राज्यों की तुलना में हमारा प्रदेश युवाओं को तकनीकी शिक्षा के माध्यम से उन्हें रोजगारपरक शिक्षा देकर राष्ट्र एवं राज्य के विकास में अहम योगदान दे रहा है।
राज्यपाल ने इंजीरियरिंग, प्रोडक्शन, मैन्यूफैक्चरिंग पर जोर दिया। उन्होंने कहा, उत्तराखंड में इसके लिए अपार संभावनाएं है, इसे टेक्नोलॉजी का हब बनाया जा सकता है। तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा, केंद्र एवं राज्य सरकार ने कई योजनाओं के माध्यम से पॉलिटेक्निक संस्थाओं के लिए तीन सौ करोड़ की धनराशि दी है। 25 करोड़ की लागत से 10 डिजिटल लाइब्रेरियों का निर्माण किया जा रहा है।
इसके अलावा पीएम गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से एसएएस योजना के तहत 20 करोड़ की लागत से 49 पॉलिटेक्निकों में भी डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी। समारोह में विधायक खजानदास, सचिव रविनाथ रमन, एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. बीआर गुर्जर, निदेशक प्राविधिक शिक्षा आरपी गुप्ता, अपर निदेशक देश राज, पूर्व निदेशक हरि सिंह, परिषद के सचिव डॉ राजेश उपाध्याय, परीक्षा नियंत्रक डॉ. मुकेश पांडेय, संयुक्त निदेशक नरेंद्र कुमार आदि थे।