वीआईपी दर्शन पर सवाल भाजपा का कांग्रेस पर पलटवार, मुख्य सेवक के रूप में धाम गए सीएम धामी।
देहरादून- चारधाम यात्रा के शुरुआत के 15 दिनों में 10 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्रियों के पहुंचने की संभावनाओं के बीच सरकार ने सभी राज्यों के वीआईपी, वीवीआईपी को दर्शन के लिए न आने का अनुरोध किया है। उधर यात्रा के पहले ही दिन सीएम धामी की धाम में उपस्थिति पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।
केदारनाथ धाम में वीआईपी दर्शन पर सवाल उठाने को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वहां मुख्य सेवक के रूप में गए हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा, खुद को मुख्य सेवक कहने वाले सीएम वीआईपी नहीं प्रदेश के मुखिया के तौर पर गए। मुख्यमंत्री की सुलभता और सहजता को वीआईपी कल्चर से जोड़ना हास्यास्पद है। कहा, चारधाम यात्रा प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ है। कहा, भाजपा सरकार ने ही धामों में सुगम और सुलभ दर्शन के लिए शुरुआती 15 दिन वीआईपी दर्शनों से परहेज को सभी राज्यों को पत्र लिखा था।
कहा, इसके पीछे सकारात्मक संदेश था। हालांकि, पूर्व में कांग्रेसी सरकारों में वीआईपी संस्कृति का बोलबाला रहा। भाजपा काल में धामों में बुनियादी सुविधाओं से लेकर कनेक्टिविटी तक की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद किया गया। कहा, कांग्रेस विकास के हर मुद्दे पर राजनीति करती आई है और उसे विकास कार्यों से कोई लेना-देना नहीं है।