देशभर में करवा चौथ आज क्या रहेगा चांद को देखने का शुभ मुहूर्त।

नई दिल्ली- आज यानी 01 नवंबर 2023 को सुहागिनें करवा चौथ का व्रत रख रही हैं। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए सुबह से निर्जला व्रत रखती हैं। रात को चांद की पूजा और जल अर्पित करते हुए व्रत को पूरा करती हैं। पंचांग के अनुसार करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर रखा जाता है। इस व्रत में दिनभर निर्जला व्रत और शाम को चंद्रमा के दर्शन कर अर्ध्य देने का खास महत्व होता है। इस व्रत में चंद्रदेव को अर्घ्य देने के बाद ही पारण किया जाता है। इसके बिना करवा चौथ का व्रत अधूरा माना जाता है। इस बार करवा चौथ बहुत ही शुभ में है।

करवा चौथ पर चांद निकलने का समय

शहर समय
दिल्ली   8 बजकर 15 मिनट पर
नोएडा   8 बजकर 15 मिनट पर
मुंबई   8 बजकर 59 मिनट पर
जयपुर   8 बजकर 26 मिनट पर
देहरादून   8 बजकर 06 मिनट पर
लखनऊ   8 बजकर 05 मिनट पर
शिमला   8 बजकर 07 मिनट पर
गांधीनगर   8 बजकर 48 मिनट पर
इंदौर   8 बजकर 37 मिनट पर
भोपाल   8 बजकर 29 मिनट पर
अहमदाबाद   8 बजकर 50 मिनट पर
कोलकाता   7 बजकर 45 मिनट पर
पटना   7 बजकर 51 मिनट पर
प्रयागराज   8 बजकर 05 मिनट पर
कानपुर   8 बजकर 08 मिनट पर
चंडीगढ़   8 बजकर 10 मिनट पर
लुधियाना   8 बजकर 12 मिनट पर
जम्मू   8 बजकर 11 मिनट पर
बेंगुलुरू   8 बजकर 54 मिनट पर
गुरुग्राम   8 बजकर 15 मिनट पर
गुवाहाटी   7 बजकर 22 मिनट पर
करवा चौथ की कथा
करवा चौथ व्रत की पौराणिक मान्यताएं भी है। जिससे अनुसार पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत की परंपरा सतयुग से चली आ रही है। इसकी शुरुआत सावित्री के पतिव्रता धर्म से हुई। जब यम आए तो सावित्री ने अपने पति को ले जाने से रोक दिया और अपनी दृढ़ प्रतिज्ञा से पति को फिर से पा लिया। तब से पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत किये जाने लगा। वहीं एक दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत में वनवास काल में अर्जुन तपस्या करने नीलगिरि के पर्वत पर चले गए थे तब द्रोपदी ने अर्जुन की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण से मदद मांगी। उन्होंने द्रौपदी को वैसा ही उपवास रखने को कहा जैसा माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। द्रौपदी ने ऐसा ही किया और कुछ ही समय के बाद अर्जुन वापस सुरक्षित लौट आए।
Karwa Chauth Ka Mahatva करवा चौथ का महत्व
सनातन धर्म में करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व होता है। सुहागिन महिलाएं पूरे साल इस महापर्व का बेसब्री से इंतजार करती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए करवा माता, भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत रूप से पूजा-आराधना और कथा सुनती हैं। फिर करवा चौथ की शाम को चांद के निकलने का इंतजार करती हैं और चांद के दर्शन करते हुए अपने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं।
Karwa Chauth Puja करवा चौथ व्रत में होती है किसकी पूजा
करवा चौथ में भगवान गणेश के साथ भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इसके अलावा करवा मां और चंद्रमा की भी आराधना की जाती है। चंद्रमा निकालने पर उनके दर्शन करके उन्हें अर्घ्य दिया जाता है और फिर अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोला जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
What is Sargi सरगी क्या है 
सरगी एक प्रकार की थाली होती है, जिसमें खाने की कुछ चीजें होती हैं। इस थाली में खाने के अलावा 16 श्रृंगार की समाग्री, सूखे मेवे, फल, मिष्ठान आदि होते हैं। सुर्योदय से पूर्व सरगी में रखे गए व्यंजनों को खाकर ही महिलाएं दिनभर निर्जला उपवास रखती हैं। इसके बाद रात में चांद की पूजा करने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं। करवा चौथ की सरगी सास अपनी बहू को देती है, लेकिन यदि सास न हों तो जेठानी या बहन भी सरगी दे सकती हैं।
  • सरगी खाने के लिए सबसे पहले जल्दी जाग जाएं और स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
  • फिर सास का आशीर्वाद लें और उनके द्वारा दी गई सरगी ग्रहण करें।
  • सरगी में तेल-मसाले वाली चीजें न खाएं।
  • सिर्फ सात्विक चीजें ही खाएं वरना व्रत का फल नहीं मिलता है।
  • सरगी की थाली में आप मिष्ठान्न, फल, दूध, दही जैसी सात्विक चीजें रख सकती हैं।
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क्या होती है करवा चौथ व्रत की सरगी?
करवा चौथ व्रत में कई तरह की परंपराओं का पालन किया जाता है, जिसकी शुरुआत सरगी खाने से होती है। ये सरगी सास अपनी बहू को देती है। सरगी के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है।

Karwa Chauth Puja Vidhi

करवा चौथ की पूजा विधि

  • करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करके दीपक जलाएं।
  • फिर देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करें और निर्जला व्रत का संकल्प लें।
  • शाम के समय पुनः स्नान के बाद जिस स्थान पर आप करवा चौथ का पूजन करने वाले हैं, वहां गेहूं से फलक बनाएं और उसके बाद चावल पीस कर करवा की तस्वीर बनाएं।
  • इसके बाद आठ पूरियों की अठवारी बनाकर उसके साथ हलवा या खीर बनाएं और पक्का भोजन तैयार करें।
  • इस पावन दिन शिव परिवार की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसे में पीले रंग की मिट्टी से गौरी कि मूर्ति का निर्माण करें और साथ ही उनकी गोद में गणेश जी को विराजित कराएं।
  • अब मां गौरी को चौकी पर स्थापित करें और लाल रंग कि चुनरी ओढ़ा कर उन्हें शृंगार का सामान अर्पित करें।
  • मां गौरी के सामने जल से भरा कलश रखें और साथ ही टोंटीदार करवा भी रखें जिससे चंद्रमा को अर्घ्य दिया जा सके।
  • इसके बाद विधि पूर्वक गणेश गौरी की विधिपूर्वक पूजा करें और करवा चौथ की कथा सुनें।
  • कथा सुनने से पूर्व करवे पर रोली से एक सतिया बनाएं और करवे पर रोली से 13 बिंदिया लगाएं।
  • कथा सुनते समय हाथ पर गेहूं या चावल के 13 दाने लेकर कथा सुनें।
  • पूजा करने के उपरांत चंद्रमा निकलते ही चंद्र दर्शन के उपरांत पति को छलनी से देखें।
  • इसके बाद पति के हाथों से पानी पीकर अपने व्रत का पारण करें।
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करवा चौथ 2023 पर चंद्रोदय का समय (दिल्ली) : 01 नवंबर 2023 की रात 08 बजकर 15 मिनट पर

करवा चौथ 2023 पर पूजा का शुभ मुहूर्त 

  • पूजा शुभ मुहूर्त- शाम 05:34 मिनट से 06: 40 मिनट तक
  • पूजा की अवधि- 1 घंटा 6 मिनट
करवा चौथ पर बन रहा शुभ संयोग
1 नवंबर को करवा चौथ के दिन सर्वार्थ सिद्धि और शिव योग का संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 33 मिनट से 2 नवंबर को सुबह 04 बजकर 36 मिनट रहेगा। इसके अलावा 1 नवंबर की दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से शिवयोग शुरू हो जाएगा। इन दोनों शुभ संयोग की वजह से इस साल करवा चौथ का महत्व और बढ़ गया है।
शिवयोग और सर्वार्थ सिद्धि योग में करवा चौथ व्रत
पंचांग के अनुसार, 1 नवंबर करवा चौथ के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। साथ ही इस दिन दोपहर में 2 बजकर 7 मिनट से शिव योग भी रहेगा। इस योग में माता करवा की पूजा करने से व्रती को महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होगा। उनकी कृपा से व्रती की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होंगी। इस बार करवा चौथ पर इन शुभ योग में पूजन करने से उत्तम फल की प्राप्ति होगी।
Karwa Chauth Date: करवा चौथ 2023 तिथि
इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्तूबर मंगलवार को रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर को रात 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि और चंद्रोदय के समय को देखते हुए करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023, बुधवार को रखा जाएगा।

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इस साल करवा चौथ के मौके पर बेहद दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन शिवयोग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इसके अलवा चंद्रमा इस दिन अपने उच्च राशि वृष में विराजमान रहेंगे। साथ ही आज विनायक चतुर्थी भी है। ऐसे में करवा चौथ का व्रत रखते हुए चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा करना शुभ फल देने वाला साबित होगा।

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