ठंड के मौसम में उत्तराखंड के होटलों में मिलेगी बड़ी छूट, इस वजह से धामी सरकार ने लिया फैसला।
देहरादून- चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थलों पांडुकेश्वर-ज्योतिर्मठ, ऊखीमठ, मुखबा व खरसाली की यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार गंभीरता से कदम उठा रही है इसी कड़ी में शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के होटलों में ठहरने पर किराये में अब 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में शीतकालीन यात्रा की समीक्षा बैठक में इसके निर्देश दिए पूर्व में यह छूट 10 प्रतिशत निर्धारित की गई थी मुख्यमंत्री ने शीतकालीन यात्रा स्थलों में सभी आवश्यक व्यवस्था करने और यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उनका उचित समाधान कैसे किया जा सकता है, इस पर सप्ताहभर में रिपोर्ट देना सुनिश्चित करें उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों पर प्रमुख आबादी वाले क्षेत्रों व होटलों के आसपास सुव्यवस्थित पार्किंग बनाने, यात्रा को सुविधायुक्त बनाने और श्रद्धालुओं को हरसंभव सुविधा उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में हर साल यात्रियों की संख्या बढ़ रही है ऐसे में धामों में जुटाई गई अवस्थापना विकास की सुविधाओं के दृष्टिगत वहन क्षमता बढ़ाने की दिशा में भी कार्य किया जाना आवश्यक है उन्होंने चारधाम के आसपास के प्रमुख पौराणिक स्थलों को विकसित कर इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने, यात्रा मार्गों पर मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने, यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए वैकल्पिक मार्ग पर कार्य करने, बेहतर यात्रा प्रबंधन के लिए चारधाम यात्रा के हितधारकों के साथ शासन स्तर पर बैठक कर सुझाव लेने संबंधी निर्देश भी दिए।
अर्द्धकुंभ का आयोजन हो भव्य
मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में होने वाले अर्द्धकुंभ का उल्लेख करते हुए इसके लिए अभी से तैयारियां करने पर जोर दिया साथ ही कहा कि इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए हर क्षेत्र में कार्य किए जाएं मुख्यमंत्री ने प्रयागराज कुंभ के लिए राज्य से परिवहन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए उन्होंने आगामी श्रीनंदा राजजात की तैयारियां शुरू करने, गंगा व शारदा कारीडोर पर तेजी से कार्य करने, पूर्णागिरी व कैंचीधाम में दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए वैकल्पिक मार्ग की दिशा में कार्य करने, दुर्घटनाएं रोकने को प्रभावी कार्ययोजना बनाने पर भी जोर दिया।