भूस्खलन से बदरीनाथ और केदारनाथ राजमार्ग बंद, 3200 श्रद्धालु फंसे।

देहरादून- उत्तराखंड में वर्षा का दौर जारी है, लेकिन गढ़वाल मंडल में लगातार दूसरे दिन कहीं भी भारी वर्षा नहीं हुई। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में राहत महसूस की गई। हालांकि, मैदानी क्षेत्रों में परेशानी बनी हुई है। चारधाम यात्रा मार्गों पर भी दुश्वारियां बरकरार हैं।

बदरीनाथ राजमार्ग बलदौड़ा में 28 घंटे बाद खोला जा सका, लेकिन इस बीच मार्ग घुड़सिल में भूस्खलन होने से बंद हो गया। यहां शाम छह बजे यातायात सुचारु हो पाया। इस दौरान एक हजार से अधिक तीर्थयात्री फंसे रहे।

2200 तीर्थयात्री फंसे

शाम को केदारनाथ को जोड़ने वाला गौरीकुंड राजमार्ग बंद होने से लगभग 2200 तीर्थयात्री जहां-तहां फंस गए। गंगोत्री और यमुनोत्री राजमार्ग भी दिनभर बंद होते और खुलते रहे। वर्षा के कारण हो रहे भूस्खलन से प्रदेश में 325 से अधिक मार्ग बंद हैं। इस कारण 250 से अधिक गांव अलग-थलग पड़ गए हैं।

इन गांवों में राशन, सब्जी, दूध समेत रोजमर्रा के अन्य सामान की आवक थम गई है। बीमारों को अस्पताल पहुंचाना भी कठिन हो गया है। कई गांवों में विद्युत, पेयजल और संचार सेवा भी बाधित है।

चमोली जिले में जोशीमठ और गोविंदघाट के बीच बलदौड़ा में रविवार सुबह मलबा आने से बदरीनाथ राजमार्ग बंद हुआ। सोमवार सुबह आठ बजे सुचारु किया जा सका। इस बीच पांडुकेश्वर और बदरीनाथ के बीच घुड़सिल में पहाड़ी से बोल्डर गिरने से मार्ग बाधित हो गया।

मार्ग से मलबा हटा रही एक जेसीबी मशीन बोल्डर की चपेट में आ गई। उसके चालक ने कूद कर जान बचाई। कई घंटों की मशक्कत के बाद मलबा हटाया जा सका। शाम को रुद्रप्रयाग जिले में गौरीकुंड (केदारनाथ) राजमार्ग फाटा के पास डोलिया देवी में पहाड़ी पर भूस्खलन होने से अवरुद्ध हो गया। पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा ने स्थानीय निवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
तीन दिन बना रहेगा वर्षा का क्रम

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, अगले तीन दिन वर्षा का क्रम बना रहने का अनुमान है। मंगलवार को नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़, देहरादून, पौड़ी व चमोली में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ वर्षा के तीव्र दौर हो सकते हैं। आसपास के क्षेत्रों में भी मध्यम से भारी वर्षा के आसार हैं।

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