उत्तराखंड में अच्छी संभावना वाले क्षेत्रों को बनाया जाएगा ग्रोथ इंजन, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश।
देहरादून- मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विभागों को निर्देश दिए कि बेहतरीन संभावनाओं वाले क्षेत्रों को ग्रोथ इंजन के रूप में चिह्नित करें, ताकि प्रदेश की आर्थिकी मजबूत हो और रोजगार के अवसर बढ़ें।
सचिवालय में विजन उत्तराखंड@ 2047 को लेकर बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधा बन रही सरकारी नीतियों की नई परिस्थितियों के अनुरूप समीक्षा की जाए।
इसके साथ ही सशक्त उत्तराखंड पहल के अंतर्गत राज्य की जीएसडीपी को दोगुना करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं राज्य की पर्यावरणीय विरासत को संरक्षित करते हुए समावेशी विकास एवं रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कार्य किया जा रहा है।
आयुष गंतव्य में 100 वेलनेस सेंटर व 1000 आयुष ग्राम
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के आयुष गंतव्य की बेहतर संभावनाएं है राज्य में दुर्लभ औषधीय पौधों की 1000 से अधिक प्रजातियां हैं राज्य में 900 हेक्टेयर क्षेत्र में 2500 मीट्रिक टन उत्पादन और 30 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ इस क्षेत्र में 232 प्रमाणित आयुर्वेद, आठ होम्योपैथी और दो यूनानी विनिर्माण इकाइयां हैं इस क्षेत्र का जीएसडीपी में योगदान 4000-5000 करोड़ रुपये है राज्य में 100 वेलनेस सेंटर, 1000 आयुष गांव और योग ग्राम विकसित किए जाएंगे।
पर्यटन का जीएसडीपी में होगा 20 प्रतिशत योगदान
उन्होंने कहा कि पर्यटन का ग्रोथ इंजन के रूप में अत्यंत महत्व है यह जीएसडीपी में 10-12 प्रतिशत का योगदान और चार लाख व्यक्तियों को रोजगार देता है इसे जीएसडीपी के 20 प्रतिशत तक ले जाया जाएगा नए विजन में शुद्ध शून्य उत्सर्जन माडल वाले ईको टूरिज्म गांवों की स्थापना, अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र, सौर ऊर्जा चालित आवास जैसी स्थायी पर्यटन प्रथाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
साहसिक और कल्याण पर्यटन के अंतर्गत योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिक पर्यटन को एकीकृत कर इनके वैश्विक ब्रांड के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा साथ में वार्षिक 200 मिलियन पर्यटकों को आमंत्रित करने का लक्ष्य है।
पंप स्टोरेज परियोजनाओं को प्राथमिकता
मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रोथ इंजन के रूप में राज्य में ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं राज्य का लक्ष्य आत्मनिर्भरता और निर्यात के लिए 100 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है जलविद्युत शक्ति का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन उत्पादन में उत्तराखंड को भारत का अग्रणी राज्य बनाया जा सकेगा।
वर्ष 2047 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन करना है जलविद्युत विस्तार पर मुख्य रुप से ध्यान दिया जाएगा। सूक्ष्म और लघु जलविद्युत सहित 26,215 मेगावाट (वर्तमान 3355.02 मेगावाट) की पूरी क्षमता का दोहन करना है ग्रिड स्थिरता और ऊर्जा भंडारण के लिए पंप स्टोरेज परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली करेंगे विकसित
उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण के तहत सौर और पवन हाइब्रिड प्रणालियों को बढ़ाना, विशेष रूप से जलाशयों (फ्लोटिंग सोलर) पर, पीक डिमांड प्रबंधन के लिए बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) विकसित करने पर ध्यान दिया जाएगा हरित नवाचार के तहत औद्योगिक अनुप्रयोग और निर्यात बाजारों के लिए एक हरित हाइड्रोजन हब स्थापित करते हुए भू-तापीय ऊर्जा का दोहन किया जाएगा।
स्मार्ट ऊर्जा अवसंरचना के तहत रियल टाइम मानीटरिंग और कंट्रोल के साथ राज्य-व्यापी स्मार्ट ग्रिड सिस्टम लागू करना व बढ़ी हुई ऊर्जा दक्षता और चोरी में कमी के लिए स्मार्ट मीटरिंग परियोजनाओं का विस्तार किया जाएगा बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, नियोजन सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम समेत कई सचिव व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।