उत्तराखंड में आगामी चुनावों में दिग्गज नेता पार लगाएंगे कांग्रेस की नैया, प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की अहम बैठक में बनी सहमति।
देहरादून- प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति ने तय किया है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में पार्टी एकजुट होकर उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव समेत आने वाले सभी चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के विरुद्ध मजबूती से मोर्चा खोलेगी।
विशेष रूप से नगर निकाय चुनाव और केदारनाथ उपचुनाव के लिए पर्यवेक्षकों और प्रभारियों का दायित्व वरिष्ठ नेताओं को दिया जाएगा। नगर निगमों व बड़े निकायों में प्रभारी के साथ सह प्रभारी भी नियुक्त किए जाएंगे।
पार्टी के प्रदेश सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा ने वरिष्ठ नेताओं को भी अनुशासन का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि पार्टी से ऊपर कोई नहीं है। अनुशासनहीनता किसी भी प्रकार से सहन नहीं की जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की दूसरी बैठक मंगलवार को प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में हुई। समिति की पहली बैठक गत छह सितंबर को आनलाइन आयोजित की गई थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा की अध्यक्षता और नवनियुक्त प्रदेश सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा की उपस्थिति में समन्वय समिति की बैठक सुबह 11.30 बजे से लगभग डेढ़ घंटा चली।
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नगर निकाय चुनाव के लिए तत्पर रहने को कहा। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल को कड़ी टक्कर देने को समय रहते तैयारी से पार्टी को लाभ मिलेगा नगर निगमों और बड़े निकायों में प्रभारी के साथ सह प्रभारी भी रखे जाएं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रभारियों की नियुक्ति शीघ्र की जाए, ताकि उन्हें होम वर्क करने के लिए पर्याप्त समय मिले निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशियों का चयन भी वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय से किया जाना चाहिए।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि नगर निकाय, पंचायत चुनाव और केदारनाथ उपचुनाव में वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक एवं प्रभारी बनाया जाए। जिस प्रकार बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पूरे देश में अच्छा संदेश गया, उसे बनाए रखते हुए केदारनाथ उप चुनाव में विजय पानी होगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि नई प्रदेश कार्यकारिणी भले ही अब तक गठित नहीं हुई, लेकिन समन्वय समिति मिलना सौभाग्य की बात है। वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में आगे बढ़ा जाएगा। पहले प्रदेश संगठन को कार्यक्रम तय करने और वरिष्ठ नेताओं के साथ समन्वय स्थापित करने में परिश्रम करना पड़ता था। यह काम अब आसान हो गया है।
पार्टी एकजुटता के साथ चुनाव लड़ेगी। समय-समय पर समन्वय समिति की बैठकों में एकजुटता के साथ निर्णय लिये जाएंगे। बदरीनाथ और मंगलौर उपचुनाव की सफलता को बनाए रखकर कांग्रेस अपनी शक्ति का भाजपा को अहसास कराएगी।
सह प्रभारी ने पढ़ाया अनुशासन का पाठ
प्रदेश सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि नगर निकाय चुनाव और केदारनाथ उपचुनाव पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं। निकाय चुनाव को सभी को चुनौती के रूप में लेना है। कांग्रेस के पास भाजपा सरकार के विरुद्ध मुद्दों की भरमार है, उन्हें गंभीरता के साथ उठाने की आवश्यकता है। जिताऊ प्रत्याशी सामने लाना होगा।
पार्टी एकजुटता से चुनाव लड़ेगी तो विजय निश्चित रूप से प्राप्त होगी। उपचुनाव में मिली जीत के क्रम को बरकरार रखना होगा। उन्होंने कहा कि सभी नेताओं को अपनी बात पार्टी फोरम में रखनी चाहिए। पार्टी का अनुशासन सर्वाेपरि है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बैठक में आनलाइन जुड़कर सुझाव दिए।
बैठक में इन सदस्यों ने रखे विचार
बैठक में समिति के सदस्यों पूर्व मंत्री नवप्रभात, हरक सिंह रावत, हीरा सिंह बिष्ट, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, विधायक विक्रम सिंह नेगी, पूर्व सासंद व अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी रहे प्रदीप टम्टा, हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह रावत, टिहरी लोकसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला, पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़, विधायक ममता राकेश, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी ने विचार रखे।
अन्य सदस्यों में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर, एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी, सेवादल अध्यक्ष हेमा पुरोहित, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सुझाव दिए।
बैठक में समिति के सदस्यों में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, मंगलौर विधायक एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी प्रकाश जोशी बैठक में उपस्थित नहीं रहे।
हरीश रावत-माहरा में वार-पलटवार
समन्वय समिति की बैठक में केदारनाथ उपचुनाव में प्रत्याशी के चयन का विषय भी उठा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उपचुनाव में प्रत्याशी का मुद्दा उठाया। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की भी टिकट के दावेदार के रूप में चर्चा है।
हरक सिंह का नाम लिए बगैर हरीश रावत ने इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा को निशाने पर लिया। जवाब में करन माहरा ने कहा कि प्रत्याशी का चयन नहीं हुआ है। इस बारे में समन्वय समिति को ही मंथन करना है।