मिनी जामताड़ा बनती जा रहीं देहरादून की शांत वादियां, कई गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़े।

देहरादून- तेलंगाना, राजस्थान, बिहार और हरियाणा के बाद अब उत्तराखंड की राजधानी देहरादून भी साइबर ठगी का हाट स्पाट बनती जा रही है। साइबर ठगी से जुड़े कई गिरोह उत्तराखंड पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं।

गिरोह में अधिकतर अन्य राज्यों से पढ़ने के लिए दून आने वाले छात्र हैं, जो कि खर्चे पूरे करने के लिए इस काम में शामिल हो रहे हैं। पुलिस पहले अन्य राज्यों में साइबर ठगों को पकड़ने जाती थी, लेकिन अब राजधानी में चल रहे साइबर नेटवर्क को तोड़ने की भी चुनौती है।

ढ़ाई की आड़ में ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे

अप्रैल में उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया था, जो देशभर में पीएम मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी कर रहा था। गिरोह में आंध्र प्रदेश व मध्य प्रदेश के युवक शामिल किए थे, जो प्रेमनगर क्षेत्र में पढ़ाई की आड़ में ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।

इस मामले में एसटीएफ ने गिरोह के सरगना सहित तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार था। गिरफ्तार साइबर ठग अलग-अलग काल सेंटर से प्रशिक्षण लेकर आए थे और उन्होंने प्रेमनगर क्षेत्र में अपना काल सेंटर खोलकर साइबर ठगी करनी शुरू कर दी।

इसी महीने एसटीएफ ने एक ऐसे आरोपित को गिरफ्तार किया था, जिसने अपने घर पर ही टेलीफोन एक्सचेंज खोला था। वह अंतरराष्ट्रीय फोन काल को लोकल काल में डायवर्ट करता था। इसके लिए उसने बीएसएनएल से 500 नंबर लिए थे। इसी एक्सचेंज से कुछ समय पहले विदेश से आए एक काल को आरोपित ने उत्तर प्रदेश के बांदा कारागार के जेल अधीक्षक के नंबर पर डायवर्ट किया था। इसी काल के माध्यम से उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी।

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काल सेंटर की आड़ में बढ़ रही साइबर ठगी

काल सेंटर की आड़ में साइबर ठगी की घटनाएं बढ़ रही हैं। बड़ी संख्या में युवक-युवतियां उत्तर प्रदेश व दिल्ली से काल सेंटर में काम करके आते हैं और इसके बाद साइबर ठगी में लग जाते हैं। वर्ष 2023 में भी एसटीएफ ने वसंत विहार, डालनवाला और आइटी पार्क में फर्जी काल सेंटरों का पर्दाफाश किया था। इनमें से जो आरोपित पुलिस की पकड़ से बच जाते हैं या जमानत लेते हैं, वह फिर से ठगी करने लगते हैं।

वर्तमान में साइबर ठगी की घटनाएं सभी जगह बढ़ रही हैं अन्य राज्यों की तुलना में अभी उत्तराखंड में साइबर ठगी की घटनाएं कम हैं। साइबर ठग गिरोह संचालित करने की शिकायतें आ रही हैं। जब भी शिकायत मिलती हैं तो तत्काल कार्रवाई की जाती है। कई साइबर ठग गिरोह को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।

आयुष अग्रवाल, एसएसपी, एसटीएफ

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