उत्तराखंड के लोगों के लिए खुशखबरी, देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना का निर्माण शुरू, पढ़ें कब तक बनकर होगा तैयार।
देहरादून- वर्ष 2,026 तक देहरादून-मसूरी के बीच आवागमन के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी। एफआइएल इंडस्ट्रीज के नेतृत्व वाले मसूरी स्काई कार कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ने दोनों नगरों के बीच रोपवे परियोजना पर काम शुरू कर दिया है।
लंबाई के नजरिये से यह विश्व के पर पांच सबसे लंबे मोनो-केबल रोपवे सिस्टम में से एक होगा। देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना के निर्माण की अनुमानित लागत करीब 300 करोड़ रुपये है। इस परियोजना में एसआरएम इंजीनियरिंग एलएलपी के साथ पोमा एसएएस फ्रांस की कंपनी तकनीकी पार्टनर है।
दो चरणों में बनाई जा रही परियोजना
5.5 किमी लंबी यह रोपवे परियोजना दो चरण में बनाई जा रही है। इस परियोजना को एक सितंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके पूरा होने पर दोनों शहरों के बीच की यात्रा महज 15 मिनट की रह जाएगी।
पर्यटन सीजन के दौरान सड़क मार्ग से 33 किमी की दूरी तय करने में डेढ़ से तीन घंटे का समय लगता है। यह देश का पहला रोपवे भी है, जो राज्य के दो शहरों के बीच पर्यटन उद्देश्यों के साथ शहरी गतिशीलता के लिए भी बनाया जा रहा है।
हर मौसम में होगी उपयुक्त
मसूरी रोपवे परियोजना में 10 सीटों वाले डायमंड केबिन होंगे। यह पहली बार है कि एक ओर से 1300 यात्रियों की क्षमता की योजना बनाई गई है। देहरादून- मसूरी रोपवे परियोजना अत्याधुनिक, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ बनाई जा रही है। यह हर मौसम के लिए उपयुक्त रोपवे परियोजना होगी। इससे सड़क मार्ग पर भीड़ कम हो जाएगी।
विशेष रूप से स्थानीय लोगों और पर्यटकों को चरम त्योहारी सीजन के दौरान जाम जैसी स्थिति से निजात मिलेगी।
उत्तराखंड में एफआइएल ग्रुप की अन्य रोपवे परियोजनाएं एफआइएल समूह 10,797 फीट की ऊंचाई पर 3.8 किलोमीटर लंबी यमुनोत्री रोपवे परियोजना का भी निर्माण कर रहा है। यह परियोजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में है।
दून मसूरी रोपवे परियोजना पर का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस कार्य को तीव्रता से किया जाएगा। इसका समय-समय पर टीमें भी निरीक्षण करेंगी। जिससे निर्धारित समय पर कार्य को पूरा किया सके। दीपक खंडूरी, निदेशक अवस्थापना, यूटीडीबी।